HTML में कोडिंग आर्टिकल कैसे लिखें - पूरी गाइड हिंदी में
एक सीखने में आसान, SEO-अनुकूल और तकनीकी रूप से मजबूत आर्टिकल बनाने की कला
कोडिंग से जुड़े आर्टिकल्स केवल जानकारी देने के लिए नहीं होते, बल्कि उन्हें इस तरह लिखा जाना चाहिए कि पढ़ने वाला को हर चीज़ सरल और व्यावहारिक तरीके से समझ आ सके। अगर किसी वेबसाइट पर HTML, CSS, JavaScript से जुड़ा लेख है, तो उसमें कोड का फॉर्मेट, SEO, टाइटल और मेटा टैग्स को सही तरीके से शामिल करना बेहद जरूरी होता है।
इस लेख में बताया गया है कि कैसे एक कोडिंग आधारित आर्टिकल को HTML में इस तरह लिखा जाए कि वह तकनीकी रूप से भी मजबूत हो और पाठकों के लिए भी पूरी तरह उपयोगी हो।
1. Meta Tags क्या होते हैं और क्यों ज़रूरी हैं?
Meta Tags वो जानकारी होती है जो वेबसाइट के सोर्स कोड में दी जाती है और जो सर्च इंजन और ब्राउज़र के लिए पेज का विवरण बताती है। इससे SEO बेहतर होता है और Google जैसे सर्च इंजन पेज को सही तरीके से समझ पाते हैं।
<meta name='description' content='यह आर्टिकल HTML में कोडिंग फॉर्मेट के साथ आर्टिकल लिखने के तरीके को विस्तार से समझाता है।'/>
<meta name='keywords' content='HTML, कोड आर्टिकल, मेटा टैग्स, टाइटल, SEO'/>
<meta name='author' content='लेखक का नाम'/>
ऊपर दिए गए उदाहरण में meta tags ने पेज के बारे में तीन महत्वपूर्ण जानकारी दी – डिस्क्रिप्शन, कीवर्ड्स, और लेखक का नाम। ये सभी टैग SEO के लिए सहायक हैं।
2. Title टैग का उपयोग और महत्व
टाइटल वह होता है जो ब्राउज़र टैब पर दिखाई देता है और Google सर्च रिज़ल्ट में लिंक के रूप में आता है। यह SEO के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक होता है।
<title>HTML में कोड आर्टिकल कैसे लिखें – पूरी जानकारी</title>
टाइटल को 50–60 कैरेक्टर्स में सीमित रखना अच्छा माना जाता है, ताकि वह सभी डिवाइसेज़ पर सही ढंग से दिखाई दे।
3. HTML कोड का सही फॉर्मेट कैसे दिखाएं
जब किसी लेख में HTML कोड दिखाना हो, तो उसे इस तरह प्रस्तुत किया जाना चाहिए कि देखने में साफ हो और यूज़र उसे आसानी से कॉपी भी कर सके। उदाहरण:
<h1>यह मेरा पहला हेडिंग टैग है</h1>
इस तरह के कोड बॉक्स न केवल यूज़र को कोड देखने और समझने में मदद करते हैं, बल्कि उन्हें इंटरएक्टिव बनाते हैं, जिससे पाठक अनुभव बेहतर होता है।
4. Keywords कैसे चुनें?
Keywords वे शब्द होते हैं जिन्हें लोग Google पर सर्च करते हैं। एक अच्छे कोडिंग आर्टिकल में Keywords का चुनाव करते समय ध्यान रखना चाहिए:
- वे विषय से पूरी तरह संबंधित हों
- वे पाठकों द्वारा खोजे जाने लायक हों
- अति सामान्य या बहुत प्रतिस्पर्धी न हों
उदाहरण के लिए, यदि लेख HTML के कोडिंग आर्टिकल पर है, तो कुछ उपयुक्त कीवर्ड्स हो सकते हैं:
- HTML ट्यूटोरियल हिंदी में
- वेब पेज में कोड बॉक्स कैसे बनाएं
- SEO फ्रेंडली कोडिंग आर्टिकल
5. Description को प्रभावशाली कैसे बनाएं?
Meta Description को इस तरह लिखा जाना चाहिए कि वह संक्षेप में पूरी पोस्ट का सार दे दे, और यूज़र को पढ़ने के लिए प्रेरित करे। यह आमतौर पर 150-160 कैरेक्टर्स में होना चाहिए।
उदाहरण:
"यह HTML आधारित लेख बताता है कि कोडिंग से जुड़े आर्टिकल्स को SEO फ्रेंडली, स्ट्रक्चर्ड और यूज़र फ्रेंडली कैसे बनाया जाए।"
HTML आर्टिकल में कोड बॉक्स कैसे बनाएं और स्टाइल करें
जब भी किसी वेब आर्टिकल में HTML, CSS या JavaScript का कोड दिखाया जाता है, तो उसे केवल <code>
टैग में दिखाना काफी नहीं होता। यदि वह कोड एक आकर्षक ब्लॉक में दिखाई दे जिसमें रंग-बिरंगा सिंटैक्स हो और कॉपी करने का विकल्प भी हो, तो वह यूज़र के लिए बेहद उपयोगी हो जाता है।
1. कोड बॉक्स का डिज़ाइन क्यों जरूरी है?
एक कोड बॉक्स अगर अच्छे से डिज़ाइन नहीं किया गया हो तो वह देखने में उबाऊ लगता है और पढ़ना मुश्किल होता है। इसलिए कोड बॉक्स को:
- ब्लैक बैकग्राउंड में रखें
- कोड के लिए मोनोस्पेस फॉन्ट का उपयोग करें
- Syntax को अलग-अलग रंगों में दिखाएं
- ऊपर राइट कोने में कॉपी बटन शामिल करें
2. CSS कोड बॉक्स डिज़ाइन का उदाहरण
नीचे एक कोड बॉक्स को स्टाइल करने का पूरा CSS कोड दिया गया है:
.code-box {
background: #000;
color: #fff;
padding: 15px;
border-radius: 8px;
font-family: monospace;
position: relative;
overflow-x: auto;
}
.code-box code {
display: block;
white-space: pre-wrap;
line-height: 1.6;
}
.copy-btn {
position: absolute;
top: 10px;
right: 10px;
background: #444;
color: #fff;
border: none;
padding: 4px 8px;
border-radius: 4px;
cursor: pointer;
}
इस CSS को अपने पेज या थीम में शामिल करके सभी कोड बॉक्स को प्रोफेशनल लुक दिया जा सकता है।
3. Syntax Highlighting क्या होता है?
Syntax Highlighting का मतलब है – कोड के अलग-अलग हिस्सों को उनके फंक्शन के अनुसार अलग रंगों में दिखाना। जैसे कि:
- HTML टैग्स – लाल रंग
- Attributes – हरे रंग में
- Values – पीले रंग में
नीचे इसका उदाहरण दिया गया है:
<a href='https://example.com' target='_blank'>Visit Site</a>
इस प्रकार की हाइलाइटिंग को CSS के द्वारा मैनुअली भी किया जा सकता है, या फिर JavaScript के प्लगइन जैसे PrismJS, Highlight.js आदि का उपयोग किया जा सकता है।
4. JavaScript से Copy Button कैसे काम करता है?
ऊपर कोड बॉक्स में जो 📋 Copy बटन दिखता है, वह JavaScript से काम करता है। इसका पूरा कोड नीचे दिया गया है:
function copyCode(codeText) {
navigator.clipboard.writeText(codeText).then(() => {
alert('Code copied to clipboard!');
});
}
इस कोड को जोड़ने से यूज़र को बेहतर एक्सपीरियंस मिलता है और वे आसानी से कोड कॉपी कर सकते हैं।
5. कोड बॉक्स के साथ यूज़र एक्सपीरियंस कैसे बढ़ाएं?
- Copy बटन को hover पर हल्का उजागर करें
- कोड के बैकग्राउंड को स्क्रीन के अनुसार responsive रखें
- कोड लंबा हो तो horizontal scroll enable करें
Responsive Scroll का CSS:
.code-box {
overflow-x: auto;
white-space: pre;
}
इन सभी तरीकों को अपनाकर कोडिंग आर्टिकल्स को न केवल तकनीकी रूप से अच्छा बनाया जा सकता है, बल्कि यूज़र के पढ़ने और समझने का अनुभव भी बेहतर होता है।
HTML आर्टिकल में HTML, CSS और JavaScript को सही तरीके से कैसे शामिल करें?
जब भी कोई वेब पेज या कोडिंग से जुड़ा आर्टिकल लिखा जाता है, तो उसमें HTML, CSS और JavaScript तीनों का अपना-अपना स्थान होता है। इनकी सही क्रम में और सही जगह पर मौजूदगी आर्टिकल को साफ-सुथरा, समझने योग्य और टेक्निकल रूप से मजबूत बनाती है।
1. HTML का स्थान और भूमिका
HTML, किसी भी वेबपेज की बुनियाद होती है। यह कंटेंट को संरचना (Structure) देती है। जैसे कि:
<h1>
से हेडिंग बनाई जाती है<p>
से पैराग्राफ<div>
,<section>
से कंटेंट ब्लॉक बनाए जाते हैं
उदाहरण के लिए, एक सिंपल HTML स्ट्रक्चर:
<section>
<h2>कोड उदाहरण</h2>
<p>यह एक HTML सेक्शन है जिसमें कोड लिखा गया है।</p>
</section>
HTML हमेशा सबसे पहले आता है, क्योंकि वह स्ट्रक्चर देता है। उसके बिना कोई पेज नहीं बनता।
2. CSS का स्थान और उसका कार्य
CSS, HTML के स्ट्रक्चर को सुंदरता और स्टाइल देती है। HTML जहाँ कंकाल है, वहीं CSS उसका शरीर और कपड़े हैं। CSS को तीन तरीकों से जोड़ा जा सकता है:
- Inline CSS –
style=""
एट्रिब्यूट के जरिए - Internal CSS –
<style>
टैग के अंदर - External CSS – एक अलग फाइल लिंक करके
Internal CSS का एक उदाहरण:
<style>
.highlight {
color: #f55;
font-weight: bold;
}
</style>
और HTML में इसका उपयोग:
<p class='highlight'>यह टेक्स्ट हाइलाइटेड है।</p>
CSS को हमेशा <style>
टैग में <head>
के अंदर या HTML कोड से ठीक पहले रखा जा सकता है।
3. JavaScript का स्थान और उपयोग
JavaScript वह भाषा है जो वेबपेज में इंटरएक्टिविटी जोड़ती है। उदाहरण के लिए: बटन पर क्लिक करने पर कोड कॉपी होना, फॉर्म वैलिडेशन, स्लाइडर, आदि।
JavaScript को आमतौर पर पेज के अंत में, </body>
से ठीक पहले जोड़ा जाता है ताकि पेज की लोडिंग प्रभावित न हो।
JavaScript को भी तीन तरीकों से जोड़ा जा सकता है:
- Inline (onclick="", onmouseover="")
- Internal (
<script>
टैग के अंदर ) - External ( अलग .js फाइल को लिंक करके )
Internal JavaScript का उदाहरण:
<script>
function greet() {
alert('नमस्ते! आपका स्वागत है।');
}
</script>
इस फंक्शन को किसी HTML बटन से कॉल किया जा सकता है:
<button onclick='greet()'>क्लिक करें</button>
4. क्रम (Order) क्यों महत्वपूर्ण है?
HTML सबसे पहले, क्योंकि वह स्ट्रक्चर देता है। उसके बाद CSS, ताकि डिजाइन पहले से तय हो। और सबसे अंत में JavaScript, ताकि लोडिंग के बाद इंटरएक्टिविटी आए।
यदि JavaScript को पहले जोड़ दिया जाए और पेज अभी पूरी तरह लोड न हुआ हो, तो कई बार स्क्रिप्ट ठीक से काम नहीं करती।
5. सभी को एक साथ इस्तेमाल करने का तरीका
नीचे उदाहरण है कि किस तरह HTML, CSS और JavaScript को एक साथ शामिल किया जा सकता है:
<style>
.mybtn {
background: green;
color: white;
padding: 10px;
border: none;
border-radius: 4px;
}
</style>
<button class='mybtn' onclick='sayHello()'>Hello</button>
<script>
function sayHello() {
alert('Hello World!');
}
</script>
इस तरह HTML को कंटेंट के लिए, CSS को डिज़ाइन के लिए और JavaScript को फंक्शनलिटी के लिए इस्तेमाल करके एक शक्तिशाली और आकर्षक कोडिंग आर्टिकल तैयार किया जा सकता है।
CSS क्या है और इसका क्या महत्व है?
CSS का पूरा नाम है “Cascading Style Sheets”. इसका मुख्य उद्देश्य HTML डॉक्यूमेंट को सजाना होता है। जहां HTML किसी वेबपेज का ढांचा तैयार करता है, वहीं CSS उस ढांचे को रंग, डिजाइन, आकार और लेआउट देता है। इसे आसान भाषा में समझें तो – HTML हड्डी है और CSS उस पर चमड़ी और मेकअप है।
उदाहरण के लिए मान लीजिए आपने एक HTML बटन बनाया, लेकिन वो बटन दिखने में सामान्य है – सफेद बैकग्राउंड, काले टेक्स्ट वाला। अब अगर आप चाहते हैं कि वो बटन नीला हो, टेक्स्ट सफेद हो, थोड़ा गोल हो और उस पर क्लिक करने पर रंग बदल जाए – तो यह सब CSS से संभव है।
CSS कोड कहां लिखा जाता है?
CSS तीन तरीकों से HTML पेज में लिखा जा सकता है:
- Inline CSS: HTML टैग के अंदर सीधे style attribute में।
- Internal CSS: HTML डॉक्यूमेंट के <head> टैग के अंदर <style> टैग में।
- External CSS: एक अलग .css फाइल बनाकर उसे <link> टैग से HTML में जोड़ा जाता है।
1. Inline CSS का उदाहरण:
<button style="background-color: blue; color: white; border-radius: 5px;">क्लिक करें</button>
2. Internal CSS का उदाहरण:
<style>
button {
background-color: green;
color: white;
padding: 10px 20px;
border: none;
}
</style>
<button>सबमिट करें</button>
3. External CSS क्या होता है?
अगर वेबसाइट बड़ी है और ढेर सारे पेज हैं, तो हर बार CSS को बार-बार लिखने से अच्छा है कि आप एक अलग CSS फाइल बनाएं (जैसे: style.css
) और उसे अपने HTML में जोड़े:
<link rel="stylesheet" href="style.css" />
CSS के मुख्य प्रॉपर्टीज और उनका महत्व
- color: टेक्स्ट का रंग बदलने के लिए
- background-color: बैकग्राउंड का रंग
- padding: कंटेंट के अंदर की दूरी
- margin: बॉर्डर के बाहर की दूरी
- border: बॉर्डर डालने के लिए
- font-size: टेक्स्ट का साइज
- text-align: टेक्स्ट की स्थिति (left, center, right)
CSS क्यों जरूरी है?
अगर आप केवल HTML का इस्तेमाल करेंगे तो आपकी वेबसाइट एकदम सादी दिखेगी। CSS की मदद से आप उसी HTML को एक प्रोफेशनल, यूजर-फ्रेंडली और आकर्षक लुक दे सकते हैं। CSS के बिना कोई भी वेबसाइट आज के समय में अधूरी मानी जाती है।
कुछ CSS बेसिक डिजाइनिंग के उदाहरण:
<style>
.box {
width: 300px;
height: 200px;
background-color: #f44336;
color: white;
padding: 20px;
border-radius: 10px;
box-shadow: 0 4px 8px rgba(0,0,0,0.2);
}
</style>
<div class="box">
यह एक सुंदर डिव है
</div>
HTML में टैग्स का महत्व और सही उपयोग
HTML टैग्स वे बुनियादी इकाइयाँ होती हैं जिनकी मदद से हम वेबपेज का ढाँचा तैयार करते हैं। इन्हीं टैग्स के ज़रिए हम ब्राउज़र को बताते हैं कि कौन-सी चीज़ कहाँ दिखाई जाए और उसका उद्देश्य क्या है। अगर आप आर्टिकल लिख रहे हैं तो टैग्स का सही उपयोग न केवल SEO में मदद करता है बल्कि पाठकों को भी साफ-सुथरा और व्यवस्थित कंटेंट मिलता है।
1. <header>
टैग
यह टैग वेबसाइट या किसी पेज के शीर्षक हिस्से को दर्शाने के लिए होता है। इसमें आमतौर पर लोगो, नेविगेशन मेनू, और टैगलाइन होती है। अगर आपके आर्टिकल का एक स्थायी शीर्षक है तो उसे आप <header>
के अंदर रख सकते हैं।
<header>
<h1>AI से आर्टिकल कैसे लिखें? </h1>
<nav>
<a href="/">होम</a>
<a href="/articles">आर्टिकल्स</a>
</nav>
</header>
2. <section>
टैग
जब भी आप अपने आर्टिकल को विभिन्न भागों में बाँटना चाहें, जैसे—परिचय, उदाहरण, निष्कर्ष आदि, तो आप <section>
टैग का प्रयोग करें। इससे सर्च इंजन और स्क्रीन रीडर दोनों को आपकी सामग्री बेहतर समझ आती है।
<section>
<h2>HTML टैग्स क्या होते हैं?</h2>
<p>HTML टैग्स की मदद से हम वेबपेज की संरचना बनाते हैं...</p>
</section>
3. <article>
टैग
<article>
टैग मुख्य कंटेंट या आर्टिकल के लिए प्रयोग होता है। यदि कोई ब्लॉग पोस्ट, न्यूज़ या स्वतंत्र सामग्री है तो उसे इस टैग के अंदर लिखा जाता है। इससे गूगल को समझ आता है कि यह पेज की मुख्य जानकारी है।
<article>
<h2>HTML में SEO-Friendly आर्टिकल कैसे लिखें?</h2>
<p>सही टैग्स का उपयोग SEO के लिए बेहद ज़रूरी है...</p>
</article>
4. <aside>
टैग
अगर आप किसी महत्वपूर्ण नोट, विज्ञापन या संबंधित जानकारी को मुख्य कंटेंट से अलग दिखाना चाहते हैं तो <aside>
टैग काम आता है। इससे यूज़र को सहायक जानकारी मिलती है और पेज भी व्यवस्थित रहता है।
<aside>
<h3>नोट:</h3>
<p>यह जानकारी HTML5 पर आधारित है।</p>
</aside>
5. <footer>
टैग
यह किसी भी सेक्शन या पेज के अंतिम हिस्से को दिखाने के लिए होता है। इसमें कॉपीराइट, लेखक का नाम, या नेविगेशन लिंक होते हैं। इससे पेज को प्रोफेशनल लुक मिलता है।
<footer>
<p>© 2025 Ytraj. सभी अधिकार सुरक्षित हैं।</p>
</footer>
HTML टैग्स का सही ढंग से प्रयोग क्यों ज़रूरी है?
- सर्च इंजन को आपके कंटेंट की संरचना समझ में आती है
- स्क्रीन रीडर जैसे टूल्स ब्लाइंड यूज़र्स को बेहतर अनुभव दे पाते हैं
- आपका HTML कोड अधिक व्यवस्थित और मेंटेन करने लायक बनता है
- यूज़र एक्सपीरियंस बेहतर होता है क्योंकि हर चीज़ अपनी सही जगह पर दिखती है
SEO के नजरिए से Semantic टैग्स का लाभ
सिर्फ डिजाइन ही नहीं, Google जैसे सर्च इंजन Semantic HTML टैग्स को विशेष तवज्जो देते हैं। Semantic का मतलब होता है "अर्थपूर्ण" यानी जो टैग अपने अर्थ को दर्शाए। जैसे - <article>
का मतलब होता है एक स्वतंत्र लेख। इससे सर्च इंजन को ये आसानी से पता चलता है कि पेज का असली कंटेंट कहाँ है।
सारांश
HTML टैग्स केवल एक टेक्निकल आवश्यकता नहीं, बल्कि एक वेबसाइट को समझदार बनाने का तरीका हैं। जब आप सही टैग्स का उपयोग करते हैं, तो आपकी वेबसाइट सर्च इंजन के लिए भी समझदार बनती है और उपयोगकर्ता के लिए भी सहज। इसलिए जब भी आर्टिकल लिखें, केवल <div>
में सब कुछ भरने के बजाय, सोच समझकर सही टैग्स का इस्तेमाल करें।
वेबसाइट में JavaScript का सही और व्यावहारिक उपयोग
HTML और CSS की सहायता से हम वेबसाइट का ढांचा और डिज़ाइन बना सकते हैं, लेकिन वेबसाइट को इंटरैक्टिव और डायनामिक बनाने के लिए हमें JavaScript की आवश्यकता होती है। JavaScript एक क्लाइंट-साइड स्क्रिप्टिंग भाषा है, जिसका उपयोग पेज पर यूज़र की क्रियाओं के आधार पर बदलाव लाने के लिए किया जाता है।
JavaScript क्यों जरूरी है?
- पेज को रिफ्रेश किए बिना डेटा बदलना
- यूज़र इनपुट वैलिडेशन (जैसे - फॉर्म भरने में गलती बताना)
- इंटरैक्टिव UI बनाना (जैसे - स्लाइडर, ड्रॉपडाउन, पॉपअप आदि)
- API से डेटा लाना
JavaScript को HTML में कहां और कैसे लिखते हैं?
JavaScript को हम दो तरीकों से HTML में जोड़ सकते हैं:
- Internal Script: <script> टैग का उपयोग कर HTML फाइल में ही JavaScript लिखना।
- External Script: अलग .js फाइल बनाकर <script src="..."> से लिंक करना।
उदाहरण: एक बटन पर क्लिक करने पर मैसेज दिखाना
<button onclick="showMessage()">यहाँ क्लिक करें</button>
<script>
function showMessage() {
alert("आपने बटन पर क्लिक किया!");
}
</script>
JavaScript से HTML एलिमेंट में बदलाव करना
नीचे दिए गए उदाहरण में, एक बटन क्लिक करने पर किसी <div>
के अंदर टेक्स्ट बदल जाएगा:
<div id="output">पहले का टेक्स्ट</div>
<button onclick="changeText()">टेक्स्ट बदलें</button>
<script>
function changeText() {
document.getElementById("output").innerText = "अब नया टेक्स्ट दिख रहा है!";
}
</script>
डायनामिक कंटेंट जोड़ना
JavaScript से आप नई सामग्री भी पेज में जोड़ सकते हैं:
<div id="container"></div>
<button onclick="addItem()">आइटम जोड़ें</button>
<script>
function addItem() {
let newItem = document.createElement("p");
newItem.innerText = "यह एक नया आइटम है!";
document.getElementById("container").appendChild(newItem);
}
</script>
इवेंट हैंडलिंग क्या होता है?
JavaScript में इवेंट हैंडलिंग का मतलब होता है कि किसी घटना (event) जैसे - क्लिक, माउस मूव, कीबोर्ड इनपुट आदि पर प्रतिक्रिया देना।
उदाहरण: माउस ले जाने पर रंग बदलना
<div id="box"
onmouseover="hoverEffect()"
onmouseout="resetEffect()"
style="width:100px;height:100px;background:red;">
</div>
<script>
function hoverEffect() {
document.getElementById("box").style.background = "green";
}
function resetEffect() {
document.getElementById("box").style.background = "red";
}
</script>
सामान्य गलतियाँ जो JavaScript में होती हैं
- सेमीकोलन लगाना भूल जाना
- फंक्शन को सही तरीके से कॉल न करना
- HTML एलिमेंट को सही ID से एक्सेस न करना
- स्क्रिप्ट को पेज लोड होने से पहले चलाना
JavaScript सीखने के लिए सुझाव
- हर दिन थोड़ा-थोड़ा अभ्यास करें
- DOM (Document Object Model) को अच्छे से समझें
- छोटे प्रोजेक्ट बनाकर प्रयोग करें
- कन्सोल (Console) का उपयोग कर के एरर को डिबग करना सीखें
JavaScript का उपयोग लेख में कैसे करें और कोड को इंटरैक्टिव कैसे बनाएं
लेख में JavaScript का उपयोग वेबसाइट को इंटरैक्टिव और यूजर-फ्रेंडली बनाने के लिए किया जाता है। ये कोड आपकी वेबसाइट के व्यवहार को नियंत्रित करता है। उदाहरण के लिए, अगर आप चाहते हैं कि "कॉपी" बटन पर क्लिक करने से कोड कॉपी हो जाए, तो वो JavaScript से ही संभव होता है।
JavaScript कहां और कैसे लिखते हैं?
आप HTML फाइल के अंदर <script></script>
टैग का उपयोग करके JavaScript लिख सकते हैं। इस टैग को आप </body>
टैग के ठीक पहले लिखें, ताकि पेज की सारी सामग्री पहले लोड हो जाए और फिर स्क्रिप्ट चले।
JavaScript कोड का उदाहरण:
// यह कोड "कॉपी" बटन को काम करने लायक बनाता है
function copyCode(btn) {
const codeBox = btn.parentElement.querySelector('code');
const text = codeBox.innerText;
navigator.clipboard.writeText(text).then(() => {
btn.innerText = "✅ कॉपी हो गया";
setTimeout(() => {
btn.innerText = "📋 कॉपी";
}, 2000);
});
}
JavaScript का महत्व:
- पाठकों को बेहतर अनुभव देने के लिए
- कॉपी बटन, टॉगल, स्लाइडर जैसी इंटरैक्टिव चीजें बनाने के लिए
- ऑटोमेशन और यूजर इंटरैक्शन के लिए
JavaScript से जुड़े SEO सुझाव:
- जरूरी स्क्रिप्ट्स को ही लोड करें
- स्क्रिप्ट्स को पेज के अंत में रखें ताकि पेज की स्पीड अच्छी बनी रहे
- Inline JavaScript को कम इस्तेमाल करें
लेख का समापन
अब तक आपने जाना कि HTML, CSS और JavaScript के इस्तेमाल से एक अच्छा आर्टिकल कोड फॉर्मेट में कैसे लिखा जाता है। यदि आप सभी दिशानिर्देशों का पालन करते हैं – जैसे Meta Tags, Title, Keywords, Description, H1 से H6 तक के हेडिंग, SEO-Friendly कंटेंट, Copyable कोड बॉक्स आदि – तो आप एक प्रोफेशनल और सर्च इंजन फ्रेंडली आर्टिकल तैयार कर सकते हैं।
ये प्रक्रिया शुरू में भले ही लंबी और जटिल लगे, लेकिन जैसे-जैसे आप अभ्यास करते जाएंगे, आपको ये सब बहुत आसान लगने लगेगा।
आपका धन्यवाद! 🙏
अब आप पूरी तरह से तैयार हैं एक प्रोफेशनल, SEO-फ्रेंडली और टेक्निकल आर्टिकल HTML कोड फॉर्मेट में लिखने के लिए।